Feb 2, 2019

व्यंग्य.................... बोलिए और क्या चाहिए बजट में

व्यंग्य....................
बोलिए और क्या चाहिए बजट में
-संतराम पाण्डेय-
'बजट के तीन दिन पहले से ही पेट ने मुंह फुला रखा था। न जाने क्या गड्ड-मड्ड हो रहा था। कल बजट आया तो पेट ने थोड़ी राहत महसूस की। ऐसा लगा, जैसे उसे पोदीने की चटनी मिल गई हो। हवा सी निकली और पेट मुस्करा उठा। ५० करोड़ को लोगों को बीमा। गजब का बजट! गरीब तो मालामाल होने जा रहे हैं। किसानों की पौ बारह होने को है- फसल की लागत का डेढ़ गुना रेट। पेट कुलबुला उठा।
राम खिलावन की पहली प्रतिक्रिया कुछ इस तरह आई तो मेरी गुस्ताख कलम से भी नहीं रहा गया। सीधा राम खिलावन से ही सवाल दाग बैठी-बीमा कराओगे या फसल की लागत निकालोंगे? बोला- कोई चक्कर नहीं-किसानों की आमदनी वैसे ही दोगुनी होने जा रही है। तुम लिखना-पढऩा छोड़ो, मेरे साथ किसानी करो।
कलम को गजलकार किशन स्वरूप की एक पंक्ति याद आ गई, लगे हाथ दाग बैठी राम खिलावन पर। बोली-'झूठ भी सच सा लगे है, लोग कुछ नादान से हैं। लगा कि राम खिलावन को कलम की गुस्ताखी कुछ जायज सी लगी। इसी पर दूसरी गजल दागी-'जो हकीकत है, उसे देखते ही नहीं, ख्वाबों की बात करते हैं। गुस्ताख कलम की इस गुस्ताखी पर राम खिलावन संभलते हुए बोला-पिछले तीस सालों से ऐसा बजट तो मैंने देखा नहीं। पहली बार आया है। मैं खुश हूं, जहान खुश। वह बोलता गया- अब किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मिलेगा। खरीफ का समर्थन मूल्य उत्पादन की लागत से डेढ़ गुना हो जाएगा। साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। राम खिलावन पूरे आंकड़े लिए बैठा था। बोला-यही देखिए न हमारे देश में 86 फीसद से अधिक किसान लघु एवं सीमांत किसान हैं। उनके लिए ग्रामीण कृषि बाजारों का विकास भी होगा। किसानों के लिए ई-नैम ग्रामीण बाजार बनेंंगे ताकि किसान भी डिजिटल हो जाएं। उसके मुंह में लड्डू फूट रहे थे।
बोलता ही जा रहा था- साल 2017-18 में हमारे देश ने 275 मिलियन टन अनाज का उत्पादन किया। आलू-प्याज और टमाटर का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ऑपरेशन ग्रीन चलाएगी। 10 करोड़ परिवारों के लिए 5 लाख तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना, उज्ज्वला योजना में 8 करोड़ गैस कनेक्शन। कितना अच्छा बजट है। उसके उंगलियों के पोरों पर उनकी पूरी लिस्ट थी। बोला- एल
पंजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस), प्रिपेएर्ड लेदर, सिल्वर फॉयल, पीओसी मशीनें, फिंगर स्कैनर, माइक्रो एटीएम, आइरिस स्कैनर, सौर बैटरी, देश में तैयार हीरे, ई-टिकट पर से सर्विस टैक्स कम किया गया, अप्रसंस्कृत काजू, सौर टेंपर्ड शीशे, कॉक्लीअर इम्प्लांट, कच्चा माल, एक्सेसरीज। 
गुस्ताख कलम से रहा नहीं गया, फिर बोली- लेकिन इनका करोगे क्या? राम खिलावन को इस बार कुछ गुस्सा सा आ गया। बोला- ध्यान से देखों, इसमें रोजगार भी है, बिजली भी है, डिजिटलाइजेशन भी है, रोजगार के लिए कच्चा माल भी है, और क्या चाहिए बजट में? किसी की जान लोगे क्या? जिनकी कीमतें बढ़ गई हैं, उनको भी तो देखो-कलम बोली। इस बार रामखिलावन झल्ला उठा। बोला- उनको देखते ही क्यों हो?