Mar 21, 2011

मजे से मनाहोली का त्यौहार

इस बार होली का त्यौहार खूब मजे से मना। मेरठ में कई जगह जाने का मन था लेकिन रंग के बाद जब सो गया तो नीद ने खूब मनमानी की । निर्मल जी के यहाँ गया । थोड़ी गप्प हुई । लेट होने का नतीजा यह हुआ कि बस कलक्ट्रेट ही जा सका । ढेर सारे नए पुराने लोग मिले न मिलने के गिले शिकवे के साथ । इस होली मिलन कि खास बात यह रही कि अधिकारी तो नए मिले और नेता पुराने । नेता वही पुराने और उनके दल नए । इस बार यह नयी बात जरूर दिखी कि साहित्य को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखा । लगा कि होली से साहित्य का जुडाव पुरानी बात हो गयी ।
जहा नहीं जा सका उन्हें इसी माध्यम से बधाई दे रहा हूँ । पुष्पेन्द्र जी , प्रमोद पाण्डेय जी , सूर्यकांत जी , के पी जी , विजयराज जी , नाराज न हों । अगली होली आप सबके नाम ही आरक्छित है । इस बार एकनया नाम और जुदा है अपने सर्किल में और वह है अमिताभ ठाकुर का । आप मेरठ में पोस्टेड है । बधाई हो आपको होली की। अपने ग्रुप एडिटर आरपी सिंह जी से तो बस दफ्तर में ही होली मिल पा रहा हूँ पिछले तीन सालों से । वह हर बार दिल्ली खिसक जाते है । बस इसी बात की गड़बड़ है । इंतजार है कि वह होली मेरठ में मनाएं और हम सब साथ साथ होली का आनंद लें ।
..... संतराम पाण्डेय
९६३९०१०१६६